गोधूलि के सन्नाटे में, जहाँ परछाइयाँ धीरे-धीरे रेंगती हैं, एक कवि की आत्मा, एक बंदी हृदय, रोता है। उनकी कविताएँ बहती हैं, एक उदासी भरी धारा, प्यार का एक वसीयतनामा, एक लुप्त होता सपना। वह तारों भरी और शांत रातों के बारे में लिखते हैं, प्रेमी जब टहल रहे थे, आनंददायक, कोमल दृश्य। फुसफुसाती मन्नतों की, चाँद की पीली रोशनी के नीचे, एक प्रेम इतना पवित्र, एक दृष्टि शुद्ध और उज्ज्वल। लेकिन अब, चंद्रमा, एक दूर, शोकपूर्ण दृश्य, कवि की लालसा को दर्शाता है, रात जैसा अंधेरा। उसका दिल, एक बर्तन, टूटा हुआ, फटा हुआ, और कुचला हुआ, प्यार के क्रूर हाथ से, हमेशा के लिए मोहभंग हो गया। वह बगीचों की कलम, जहां कभी गुलाब खिलते थे, उसके प्यार का प्रतीक, दुःख के अँधेरे में खोया हुआ। प्रत्येक पंखुड़ी, एक स्मृति, एक खट्टी-मीठी खुशी, अतीत की याद, अब रात में छिपा हुआ है। उनके शब्द, एक टेपेस्ट्री, निराशा से बुने हुए, मरम्मत से परे प्रेम का एक मार्मिक चित्र। वह आशा का गीत गाता है, अंधेरे में टिमटिमाता हुआ, एक प्यार की चाहत, एक मार्गदर्शक, मार्गदर्शक चिंगारी। फिर भी, उनके छंदों में सौंदर्य अभी भी विद्यमान है, एक नाजुक आशा, जहाँ प्रेम का सच्चा सार रहता है।ya वह एक ऐसी दुनिया चित्रित करता है, जहां सपने अपनी उड़ान भर सकते हैं, आश्चर्य की दुनिया, सुनहरी रोशनी में नहाया हुआ। हालाँकि दुख की छाया, हमेशा आसपास रहती है, उनकी कविता, एक प्रकाशस्तंभ है, जो हमेशा स्पष्ट रूप से चमकता रहता है। प्यार का एक वसीयतनामा, खोया और पाया दोनों, पवित्र, पवित्र भूमि पर एक कालजयी प्रतिध्वनि। तो आइये सुनते हैं, उनकी शोकपूर्ण विनती, और उसकी हार्दिक श्रद्धा में सांत्वना पाओ। क्योंकि उनके शब्दों में हमें एक आत्मीय आत्मा मिलती है, जिनके प्यार की खोई हुई गूंज, हमारी आत्माओं को संपूर्ण बनाती है।
The Bard of Lost Loves